जिले के बारे में
सहरसा जिला की स्थापना 1 अप्रैल 1954 को हुई थी जबकि २ अक्टुबर 1972 से यह कोशी प्रमण्डल का मुख्यालय है। माँ श्री उग्रतारा मंदिर, महिषी, सूर्य मंदिर, कन्दाहा, चंडिका स्थान, विराटपुर, रक्तकाली मंदिर, मत्स्यगंधा सहरसा जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के रूप में प्रसिद्द हैं। प्राचीन काल से सहरसा जिला स्थित महिषी नामक स्थान आदि शंकराचार्य तथा उस समय के प्रसिद्ध स्थानीय विद्वान मंडन मिश्र के बीच हुए शास्त्रार्थ के लिए विख्यात रहा है।
“जहां तोता (शुक) और मैना शुद्ध संस्कृत में विचार कर रहे हैं कि -क्या वेद अनन्त हैं यानी कोई सबूत नहीं चाहिए) या फिर अन्य ग्रंथों की सहायता से सिद्ध होना चाहिए और शिष्य गायन गा रहे हैं, वही मंडन मिश्र का निवास है। पं. मिश्र मीमांसा के तत्कालीन समय के उद्भट विद्वान कुमारिल भट्ट के छात्र थे।
कहा जाता है कि मंडन मिश्र की पत्नी भारती, जो एक महान विदुषी थी, को इस शास्त्रार्थ के दौरान न्यायाधीश के रूप में नामित किया गया था।